मसूरी वन प्रभाग के अंतर्गत टकारना के ग्रामीण महिलाओं ने बनाया भीमल एवम एलोवेरा से शैम्पू व साबुन ।
मसूरी वन प्रभाग मसूरी के द्वारा समय समय पर रेंज के माध्यम से वन सरपंचो के प्रयास से ग्रामीण स्तर पर विभिन्न प्रकार की कार्यशाला आयोजित की जा रही है ।
अभी लखवाड़ कैट प्लान के अंतर्गत आजीविका संवर्धन हेतु कैम्पटी रेंज के मेलगढ़ बीट के अंतर्गत टकारना गांव में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ है । गांव की महिलाओं ने भीमल एवम एलोवेरा से शैम्पू व साबुन बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इसका उद्देश्य ग्रामीणों/स्वम् सहायता समूह के सुदृढ़ीकरण हेतु उनके लिए आय उत्पादन कार्यक्रम का आयोजन किया गया
इस प्रशिक्षण के प्रायोजक/सौजन्य मसूरी वन प्रभाग मसूरी है तथा आयोजक जन चेतना केंद्र, सामाजिक संस्था श्रीनगर गढ़वाल है । इस कार्यशाला के दौरान मुख्य प्रशिक्षक/मास्टर ट्रेनर श्री दिनेश डबराल एवम जन चेतना केंद्र की ओर से श्री शुभम बिष्ट आये थे जिनके द्वारा ग्रामीणों को ट्रेनिंग दी गयी ।
आयोजक संस्था के द्वारा ग्रामीणों को एक किट सामग्री निःशुल्क भी दी गयी । जिसकी बाजार मूल्य वर्तमान में लगभग दस हजार के आसपास होती है ।
इस कार्यक्रम के तहत लोगों को विभिन्न रोजगार परक कार्यों से जोड़ने तथा उनकी आजीविका में सुधार उनके जीवन स्तर में वृद्धि हेतु गांव में स्थानीय सामग्री के माध्यम से भीमल व एलोवेरा के द्वारा शैम्पू व साबुन बनाने का प्रशिक्षण दिया गया । इससे भविष्य में महिलाएं अपने स्वरोजगार प्रारम्भ कर सकती है । और जीवन कौशल में सुधार कर सकती है ।
इस प्रशिक्षण में वन सरपंच श्री सूरज सिंह रावत, स्वम् सहायता समूह केदारनाथ, भदाराज, उत्थान, नागदेवता, ऋषिकेश की महिलाएं शामिल थी, साथ ही वन विभाग की ओर से उपराजिक श्री जतन दास एवम बीट अधिकारी श्री विवेक डोभाल आदि मौजूद थे ।
शेम्पू एवं साबुन बनाने के लिए क्या क्या प्रयोग करें :-