संविधान का निर्माण - चैप्टर- 2
- भारत में संविधान सभा का विचार सर्वप्रथम एम०एन०राय ने रखा था। वर्ष 1935 में पहली बार आधिकारिक रूप से कांग्रेस ने संविधान सभा की मांग की थी।
- क्रिप्स मिशन 1942 में भारत आया, जो कि भारत के लिए स्वतंत्र संविधान के निर्माण का ब्रिटिश प्रस्ताव भारत लाया था।
- मुस्लिम लीग ने क्रिप्स मिशन का बहिष्कार किया था।
- संविधान सभा का गठन 6 दिसंबर 1946 को किया गया था। संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे, जिसमें 292 ब्रिटिश प्रांतों से 4 चीफ कमिश्नर 93 देशी रियासतों से थे।
- प्रति 10 लाख पर सीटों का आवंटन किया गया था।
- संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई, यह बैठक दिल्ली स्थित काउंसिल चैम्बर पुस्तकालय में हुई थी। इस बैठक में 211 लोगों ने भाग लिया जबकि मुस्लिम लीग ने इस बैठक का विरोध किया था।
- इस बैठक में डॉ० सच्चिदानंद सिन्हा को संविधान सभा का अस्थायी अध्यक्ष बनाया गया।
- 11 दिसंबर 1946 को डॉ० राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष बनाया गया।
- 3 जून 1947 को लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत विभाजन की योजना प्रस्तुत की थी, विभाजन के परिणाम स्वरूप संविधान सभा में सदस्यों की संख्या 324 रह गई थी।
- बी०एन० राव को संविधानिक सलाहकार बनाया गया।
- उद्देश्य प्रस्ताव 13 दिसंबर 1946 को पेश किया गया, जबकि संविधान सभा के द्वारा 22 जनवरी 1947 को स्वीकृति मिली, आगे जाके यह प्रस्तावना बना।
- प्रारूप समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को हुआ था। संविधान पर वाचन तीन बार हुआ था।
- दूसरी बार संविधान पर वाचन होते समय पहली बार संविधान पढ़ा गया।
- 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा के द्वारा संविधान को अंगीकृत किया गया। इस समय सभा में 284 सदस्य उपस्थित थे।
- संविधान बनने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था। इस समय संविधान में 395 अनुच्छेद एवं 22 भाग थे।
- 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय गीत एवं राष्ट्रगान को अपनाया। राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति बनाया गया। 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा की अंतिम बैठक हुई थी।
- 22 जुलाई 1947 को राष्ट्रध्वज को अपनाया गया। तथा मई 1949 को भारत ने राष्ट्रमण्डल ग्रहण की।
- आधुनिक मनु की संज्ञा डॉ. भीमराव अम्बेडकर को दी जाती है। सम्प्रभुता के राज्य की आत्मा कहलाता है।
- "भारत का संविधान वकीलों का स्वर्ग है" – यह कथन आइवर जेनिंग्स ने कहा था।
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